हिमाचल के छह जिलों में फोरेंसिक इकाइयों को मंजूरी
Forensic units approved in six Himachal districts
मंत्रिमंडल में फैसला, हमीरपुर-ऊना, सिरमौर, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, किन्नौर में मिलेगी सुविधा
Forensic units approved in six Himachal districts: आपराधिक जांच और राष्ट्रीय सुरक्षा में फोरेंसिक विज्ञान की भूमिका को मान्यता देने के लिए हर साल 20 सितंबर को विश्व फोरेंसिक विज्ञान दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान एसोसिएशन ने इस दिवस की स्थापना 1955 में की थी। राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान सप्ताह 15-21 सितंबर, 2024 के बीच मनाया जा रहा है। यह वार्षिक उत्सव विश्वभर में फोरेंसिक विज्ञान पेशेवरों के योगदान को पहचानने और उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित किया जाता है। फोरेंसिक सेवाओं की निदेशक, हिमाचल प्रदेश, डा. मीनाक्षी महाजन ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान आपराधिक न्याय प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। प्रदेश सरकार ने मंत्रीमंडल की बैठक में हमीरपुर, ऊना, सिरमौर, कुल्लू, लाहुल और स्पीति और किन्नौर में छह जिला फोरेंसिक इकाइयों को मंजूरी दी। इसके अलावा सरकार ने कैबिनेट में दो और पोस्ट भरने की भी मंजूरी दे दी है। फोरेंसिक वैज्ञानिक अपराध स्थलों और अन्य स्थानों से साक्ष्यों की जांच और विश्लेषण करते हैं, ताकि वस्तुनिष्ठ निष्कर्ष निकाले जा सकें, जो अपराधियों की जांच और अभियोजन में सहायता कर सकते हैं। फोरेंसिक सेवा निदेशालय ने भी राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान सप्ताह 2024 के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस उत्सव के हिस्से के रूप में, 18 और 19 सितंबर, 2024 को अपराध स्थल प्रबंधन और एकरूप अपराध दृश्य रिपोर्टिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन जुन्गा स्थित एसएफएसएल लैब में किया गया। इस कार्यशाला में जुन्गा के एसएफएसएल लैब, धर्मशाला के आरएफएसएल एनआर, मंडी के आरएफएसएल सीआर, और बिलासपुर, नूरपुर, तथा बद्दी के डीएफयू
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